ईरान ने इजरायल पर 180 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें दागी: अमेरिका ने दी “गंभीर परिणाम” की चेतावनी

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ईरान और इजरायल के बीच का तनाव किसी से छिपा नहीं है, लेकिन हाल के दिनों में यह संघर्ष एक नए स्तर पर पहुंच गया है। ईरान ने इजरायल पर 180 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं, जिसके बाद से पूरे मध्य पूर्व में स्थिति गंभीर हो गई है।

ईरान के हमले की प्रतिक्रिया: इजरायल की कड़ी चेतावनी

ईरान के इस हमले पर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “ईरान ने बड़ी गलती की है, और उसे इस हमले की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।” इसके साथ ही, इजरायल ने अपने हमलों को लेकर तैयारियों को और तेज कर दिया है।

अमेरिका ने जताई चिंता: दी चेतावनी

ईरान के इस हमले पर सिर्फ इजरायल ही नहीं, बल्कि अमेरिका ने भी प्रतिक्रिया दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने इस हमले को लेकर कहा, “ईरान का यह हमला विफल और अप्रभावी रहा है, लेकिन इसका जवाब ज़रूर दिया जाएगा।” उन्होंने इजरायल का समर्थन करते हुए ईरान को “गंभीर परिणाम” भुगतने की चेतावनी दी है।

 ईरान का दावा: हमले थे रक्षात्मक

ईरान ने अपने हमले को सही ठहराते हुए कहा कि यह इजरायल द्वारा लेबनान पर किए गए हमलों का जवाब था। ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराक्ची ने कहा, “जब तक इजरायल ने उकसावे वाली कार्रवाई नहीं की, हमले समाप्त हो चुके हैं।” लेकिन क्या यह संघर्ष यहीं थम जाएगा, यह अभी भी एक बड़ा सवाल है।

इजरायल की मिसाइल डिफेंस सिस्टम की सफलता

इजरायल और अमेरिका की सेनाओं ने मिलकर ईरान द्वारा दागी गई अधिकांश मिसाइलों को रोकने में सफलता पाई है। हालांकि, ईरानी मिसाइलों ने 90 प्रतिशत लक्ष्यों को मारने का दावा किया है, जिनमें से अधिकांश सैन्य ठिकाने थे।

लेबनान पर इजरायल के हमले जारी

ईरान के हमले से पहले इजरायल ने लेबनान में भी अपने हमले जारी रखे थे, जिनमें 55 लोगों की मौत हो गई और 156 अन्य घायल हुए। लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि की है, और इस क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।

हिजबुल्लाह ने भी किया हमला

ईरान

हिजबुल्लाह, जो ईरान समर्थित एक संगठन है, ने भी इजरायल पर हमला किया। उन्होंने उत्तरी इजरायल के गांवों और छोटे शहरों को निशाना बनाया, जिससे स्थिति और अधिक जटिल हो गई है। हिजबुल्लाह के इन हमलों से इजरायल की उत्तरी सीमा पर तनाव और बढ़ गया है।

इजरायल की संभावित जवाबी कार्रवाई

इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ईरान को इस हमले की कीमत चुकानी पड़ेगी। इजरायल की सेना अब पलटवार की तैयारी कर रही है, और उनके निशाने पर ईरान की महत्वपूर्ण तेल सुविधाएं और सामरिक स्थल हो सकते हैं।

इजरायल-ईरान जंग का बढ़ता असर

इजरायल और ईरान के बीच यह संघर्ष अब केवल दो देशों तक सीमित नहीं रहा है। यह पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बन चुका है, खासकर पश्चिमी देशों के लिए, जिनकी ऊर्जा आपूर्ति इस क्षेत्र से जुड़ी हुई है।

संयुक्त राष्ट्र की आपातकालीन बैठक

मध्य पूर्व में बढ़ते इस संघर्ष पर चर्चा के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने बुधवार को एक आपातकालीन बैठक बुलाई है। इसमें ईरान और इजरायल के बीच हो रहे इस टकराव पर चर्चा की जाएगी, और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति स्थापना के लिए कदम उठाने पर विचार होगा।

ऑस्ट्रेलिया ने किया इजरायल का समर्थन

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने भी ईरान के इस हमले की निंदा की है और इजरायल का समर्थन किया है। उन्होंने मिडिल ईस्ट में तनाव को कम करने की अपील की है और कहा है कि इजरायल को अपनी रक्षा का पूरा अधिकार है।

ईरान ने बंद किया अपना एयर स्पेस

ईरान ने संभावित इजरायली जवाबी हमलों के मद्देनजर अपने एयर स्पेस को बंद कर दिया है। यह कदम तब उठाया गया जब इजरायल ने यह साफ कर दिया कि वह बदला लेने के लिए पूरी तरह तैयार है। ईरान की इस तैयारी से यह स्पष्ट है कि जंग अब और तेज हो सकती है।

इजरायली सेना की जमीनी कार्रवाई

इजरायल ने अब दक्षिणी लेबनान में जमीनी हमले शुरू कर दिए हैं। इजरायली पैदल सेना और बख्तरबंद इकाइयों ने लेबनान में प्रवेश किया है। हालांकि, इजरायली सेना ने कहा है कि ये हमले सीमित दायरे में रहेंगे, लेकिन इसकी वजह से क्षेत्र में तनाव और बढ़ सकता है।

हिजबुल्लाह के ठिकानों पर इजरायली हमले

इजरायल ने पहले ही हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमले शुरू कर दिए हैं, जिसमें उन्होंने कई सुरंगों और हथियारों के भंडार का पता लगाया है। यह संघर्ष अब केवल मिसाइलों तक सीमित नहीं रहा है, बल्कि जमीनी स्तर पर भी गंभीर हो रहा है।

ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर भी मंडरा रहा संकट

ईरान का परमाणु कार्यक्रम हमेशा से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता का विषय रहा है। हाल के वर्षों में ईरान के परमाणु कार्यक्रम में कई रहस्यमयी विस्फोट और दुर्घटनाएं हुई हैं। इसमें सबसे बड़ी घटना 2020 में हुई थी जब ईरान के शीर्ष परमाणु वैज्ञानिक मोहसेन फखरीज़ादेह की हत्या हुई थी।

ईरान और इजरायल के बीच यह संघर्ष अब किसी भी समय और भी गंभीर हो सकता है। दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है, और यह संघर्ष केवल मिसाइलों और बमों तक सीमित नहीं रहेगा। संयुक्त राष्ट्र की बैठक से उम्मीद है कि शायद कुछ शांति के प्रयास होंगे, लेकिन इस समय संघर्ष का अंत होते नहीं दिख रहा।

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