Hyundai India के बहुचर्चित IPO का ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) इश्यू खुलने से पहले तेजी से गिर रहा है, जिससे निवेशकों के बीच हड़कंप मच गया है। क्या यह आपके करोड़पति बनने का मौका है या एक बड़ा जोखिम? हाल ही में GMP में 89% तक की भारी गिरावट देखने को मिली है, जो इश्यू प्राइस पर सिर्फ 3% का मामूली प्रीमियम दर्शा रहा है। क्या आपको इसमें निवेश करना चाहिए या इससे दूरी बनानी चाहिए? आइए इस आईपीओ की पूरी जानकारी पर नज़र डालते हैं।
Hyundai India IPO की पूरी जानकारी

हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड (HMIL) का IPO 15 अक्टूबर को खुलेगा और 17 अक्टूबर को बंद होगा। यह IPO अब तक का सबसे बड़ा IPO माना जा रहा है, जिसका मूल्य बैंड 1,865 रुपये से 1,960 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है। एंकर निवेशकों के लिए बोली 14 अक्टूबर से शुरू होगी।
Hyundai India, भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर में 15% बाजार हिस्सेदारी रखने वाली एक प्रमुख कंपनी है, और अधिकतर बड़े ब्रोकरेज हाउस जैसे कि ICICI सिक्योरिटीज और एसबीआई सिक्योरिटीज ने इसे ‘सब्सक्राइब’ की रेटिंग दी है। कंपनी की मजबूत वित्तीय स्थिति और दीर्घकालिक विकास संभावनाओं को देखते हुए इसे निवेश के लिए उपयुक्त माना जा रहा है।
ग्रे मार्केट प्रीमियम में गिरावट के पीछे छिपी सच्चाई
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Hyundai India के IPO का ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) हाल ही में तेज़ी से गिरा है। पहले जहां जीएमपी 570 रुपये था, अब यह मात्र 45 रुपये पर आ गया है। इस गिरावट के पीछे कई प्रमुख कारण हैं:
- बाजार की अनिश्चितता – हाल के दिनों में शेयर बाजार की अस्थिरता ने निवेशकों के बीच भय पैदा किया है।
- उच्च मूल्यांकन – हुंडई का मूल्यांकन उसके प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले अधिक है, जिससे निवेशकों को इसमें जोखिम नज़र आ रहा है।
- नई पूंजी का अभाव – यह आईपीओ पूरी तरह से प्रमोटर द्वारा शेयरों की बिक्री (OFS) पर आधारित है, जिससे कंपनी को कोई नई पूंजी नहीं मिलेगी।
- प्रतिस्पर्धात्मक दबाव – भारतीय ऑटो बाजार में मारुति सुजुकी जैसी कंपनियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है।
- वैश्विक आर्थिक स्थितियां – वैश्विक बाजार में आर्थिक दबावों ने निवेशकों को सतर्क कर दिया है।
- इलेक्ट्रिक वाहनों की अनिश्चित योजना – हुंडई की ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन) रणनीति अभी भी स्पष्ट नहीं है, जो निवेशकों के बीच चिंता का विषय है।
क्या कह रहे हैं विश्लेषक?
ICICI सिक्योरिटीज जैसे प्रमुख विश्लेषक मानते हैं कि यह आईपीओ दीर्घकालिक निवेशकों के लिए लाभकारी हो सकता है। कंपनी के मजबूत SUV पोर्टफोलियो और घरेलू-विदेशी बाजार में बढ़ते कारोबार के चलते यह मध्यम से लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न देने की क्षमता रखती है। हालांकि, कुछ विशेषज्ञ इसके उच्च मूल्यांकन और ग्रे मार्केट में गिरावट को लेकर चिंतित हैं।
Hyundai India के उच्च मूल्यांकन से जुड़ी चुनौतियां
Hyundai India का मूल्यांकन मारुति सुजुकी जैसी कंपनियों से अधिक है। 1,960 रुपये के उच्चतम मूल्य बैंड पर हुंडई का पीई अनुपात 26x FY25 की आय पर आधारित है, जबकि मारुति का पीई अनुपात 22x है। यह उद्योग के औसत से भी अधिक है, जिससे निवेशकों को इसमें जोखिम नज़र आ सकता है।
Hyundai India की उत्पादन क्षमता भी अपने उच्चतम स्तर पर है, और भविष्य में बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए इसे अपने तालेगांव उत्पादन संयंत्र का सफलतापूर्वक संचालन करना होगा। अगर कंपनी मांग का सही अनुमान नहीं लगा पाती है, तो इसका उत्पादन और लागत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
क्या आपको इस IPO में निवेश करना चाहिए?
विश्लेषकों की राय इस IPO को लेकर अलग-अलग है। यदि आप लिस्टिंग गेन की उम्मीद कर रहे हैं, तो मौजूदा GMP और बाजार की स्थिति को देखते हुए आपको सतर्क रहना चाहिए। हालांकि, अगर आप दीर्घकालिक निवेश की सोच रहे हैं और कंपनी की विकास संभावनाओं पर विश्वास रखते हैं, तो यह IPO आपके पोर्टफोलियो में जगह बना सकता है।
करोड़पति बनने का मौका या बड़ा जोखिम?
Hyundai India का IPO निश्चित रूप से एक ऐतिहासिक इवेंट है, लेकिन इसमें निवेश करने से पहले आपको पूरी स्थिति का आकलन करना होगा। जीएमपी में भारी गिरावट और उच्च मूल्यांकन के बावजूद, कंपनी की दीर्घकालिक संभावनाएं और बाजार में उसकी मजबूत स्थिति इसे एक आकर्षक निवेश विकल्प बना सकती है।