Yahya Sinwar का नाम इजरायल और फिलिस्तीन के संघर्ष में एक अहम शख्सियत के तौर पर सामने आता है। गाजा पट्टी में हमास के प्रमुख नेता के रूप में, सिनवार ने हमास की आंतरिक सुरक्षा और सैन्य रणनीति को मजबूत किया। उनके नेतृत्व में हमास ने इजरायल के खिलाफ कई घातक हमले किए, जिनमें सबसे हालिया और घातक हमला 7 अक्टूबर, 2023 को हुआ। इजरायली रक्षा बलों (IDF) द्वारा उनकी हत्या, इस संघर्ष में एक बड़ा मील का पत्थर साबित हो रही है।
Yahya Sinwar कौन थे?
Yahya Sinwar का जन्म 1962 में गाजा के दक्षिणी हिस्से में स्थित खान यूनिस शरणार्थी शिविर में हुआ था। इस क्षेत्र पर उस समय मिस्र का नियंत्रण था। सिनवार के परिवार को 1948 में फिलिस्तीन के नकबा के दौरान इज़राइली ज़ायोनी बलों द्वारा अश्कलोन से निष्कासित कर दिया गया था। यह वह दौर था जब इज़राइल के गठन के साथ ही अरबों का बड़े पैमाने पर विस्थापन हुआ था।
1980 के दशक में, सिनवार मुस्लिम ब्रदरहुड के साथ सक्रिय रूप से जुड़े थे। वे गाजा की इस्लामिक यूनिवर्सिटी में एक छात्र के रूप में इजरायली कब्जे का विरोध करने के लिए गिरफ्तार हुए। उन्हें हमास के आंतरिक सुरक्षा बल ‘अल माजद’ की स्थापना का श्रेय दिया जाता है, जो इजरायल के एजेंटों और फिलिस्तीनी सहयोगियों की जांच और उन्हें खत्म करने के लिए जिम्मेदार था।
Yahya Sinwar और हमास की क्रूरता
Yahya Sinwar ने हमास की सैन्य शाखा ‘अल-क़स्साम ब्रिगेड’ की स्थापना की, जो गाजा में सक्रिय सबसे बड़ी मिलिशिया थी। 1988 में, सिनवार को इज़राइल ने गिरफ्तार किया और उन्हें 12 फिलिस्तीनियों की हत्या और दो इजरायली सैनिकों के अपहरण और हत्या की साजिश रचने का दोषी ठहराया गया। इस क्रूरता ने उन्हें ‘खान यूनिस का कसाई’ बना दिया। इज़राइल द्वारा उन्हें 22 साल तक कारावास में रखा गया, लेकिन 2011 में एक कैदी विनिमय के दौरान उन्हें रिहा कर दिया गया।
Yahya Sinwar की मौत: इजराइल के लिए महत्वपूर्ण मील का पत्थर
7 अक्टूबर को इज़राइल के खिलाफ सबसे घातक हमले के मास्टरमाइंड माने जाने वाले Yahya Sinwar को इजरायली रक्षा बलों (IDF) ने एक लक्षित अभियान में मार गिराया। इज़राइली सेना ने गाजा में सिनवार के अंतिम क्षणों का ड्रोन फुटेज जारी किया, जिसमें उन्हें एक क्षतिग्रस्त घर के मलबे में बैठे हुए देखा गया। ड्रोन पर उन्होंने कोई वस्तु फेंकने का प्रयास भी किया।
इजरायली अधिकारियों के अनुसार, सिनवार की पहचान डीएनए परीक्षण, डेंटल रिकॉर्ड और फिंगरप्रिंट के माध्यम से की गई। उनका शव बुलेटप्रूफ जैकेट, ग्रेनेड और 40,000 शेकेल के साथ पाया गया। इजरायल के विदेश मंत्री इजरायल कैट्ज ने कहा, “7 अक्टूबर के नरसंहार के लिए जिम्मेदार याह्या सिनवार को न्याय मिला है।”
हमास के लिए बड़ा झटका
Yahya Sinwar की मौत हमास के लिए एक बड़ा झटका है। यह संगठन पहले से ही इजरायल की ताकत का सामना कर रहा है, और सिनवार की मौत से उसके अस्तित्व पर संकट आ सकता है। इजरायल का लक्ष्य हमेशा “हमास को समाप्त करना” रहा है, और इस दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सिनवार की मौत को “हमास के पतन की शुरुआत” बताया है।
फिलिस्तीनी प्रतिक्रिया और अंतरराष्ट्रीय प्रभाव
हालांकि, हमास और फिलिस्तीनी जनता इस घटना पर कैसी प्रतिक्रिया देंगे, यह अभी स्पष्ट नहीं है। सिनवार की मौत से इजरायल के अंदर तनाव कम हो सकता है और साथ ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए भी यह संघर्ष को समाप्त करने का एक मौका हो सकता है। अमेरिकी अधिकारियों ने उम्मीद जताई थी कि सिनवार की मौत से बंधकों के लिए शांति वार्ता का रास्ता साफ होगा।
इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष की नई दिशा
Yahya Sinwar की हत्या इजरायल और उसके सहयोगियों के लिए राहत की तरह है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि गाजा में संघर्ष समाप्त हो गया है। इजरायल ने स्पष्ट कर दिया है कि वे तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक कि उनके सभी बंधक वापस नहीं आ जाते और गाजा में स्थिरता नहीं लौटती। प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा कि यह युद्ध का अंत नहीं है, लेकिन यह अंत की शुरुआत जरूर है। Yahya Sinwar की हत्या से इजरायल ने एक बड़ा लक्ष्य हासिल किया है, लेकिन यह घटना हमास और फिलिस्तीनी क्षेत्र में नए संकटों को भी जन्म दे सकती है। सिनवार की मौत से हमास की कमर टूट गई है, लेकिन इस संघर्ष का अंत अभी दूर है। फिलिस्तीन-इजरायल संघर्ष का समाधान तभी संभव है जब दोनों पक्ष वार्ता की मेज पर बैठने को तैयार हों, और यह देखना बाकी है कि सिनवार की मौत इस दिशा में कोई सकारात्मक प्रभाव डालती है या नहीं।