श्रीलंका की राजनीति में एक ऐतिहासिक क्षण उस समय आया जब हरिनी अमरसूर्या ने देश की 16वीं प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। 54 वर्षीय इस समाजशास्त्री और अधिकार कार्यकर्ता ने तीसरी महिला प्रधानमंत्री बनने का गौरव हासिल किया, जिससे देश की राजनीति में महिलाओं के लिए एक नई राह खुली है।
तीसरी महिला प्रधानमंत्री का क़दम
Harini Amarasuriya ने प्रधानमंत्री का पद संभालते हुए श्रीलंका के इतिहास में सिरीमावो भंडारनायके और चंद्रिका कुमारतुंगा के बाद तीसरी महिला होने का गौरव प्राप्त किया है। यह पद प्राप्त करने से पहले, उन्होंने अपने सामाजिक और शैक्षणिक अनुभव से देश की कई समस्याओं का अध्ययन किया और अपनी गहरी समझ बनाई। लगभग 25 वर्षों बाद देश को एक महिला प्रधानमंत्री मिली है। इससे पहले, सिरीमावो भंडारनायके ने 1994 से 2000 तक इस पद पर सेवा दी थी।
Harini Amarasuriya: सामाजिक बदलाव की प्रतिनिधि
Harini Amarasuriya न केवल एक राजनीतिज्ञ हैं, बल्कि एक सामाजिक कार्यकर्ता और शैक्षणिक जगत की जानी-मानी हस्ती भी हैं। पेशे से विश्वविद्यालय की व्याख्याता, उन्होंने समाजशास्त्र में बीए (ऑनर्स) और सामाजिक नृविज्ञान में पीएचडी की उपाधि एडिनबर्ग विश्वविद्यालय से प्राप्त की है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत शिक्षा और समाजसेवा के क्षेत्र में की थी और इसके बाद राजनीति की मुख्यधारा में प्रवेश किया।
2015 के बाद, जब मैत्रीपाला सिरिसेना श्रीलंका के राष्ट्रपति बने, हरिनी ने जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) पार्टी में शामिल होकर राजनीति की ओर रुख किया। उनके अनुभव और सामाजिक योगदान ने उन्हें श्रीलंका की राजनीति में महिलाओं के प्रतिनिधित्व के लिए एक आदर्श बना दिया।
प्रधानमंत्री पद की चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारियां
प्रधानमंत्री के रूप में Harini Amarasuriya को न्याय, शिक्षा, श्रम, उद्योग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, तथा निवेश मंत्रालयों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह मंत्रालय देश के विकास और आर्थिक सुधार के लिए अहम भूमिका निभाते हैं। हरिनी के पास यह अद्वितीय अवसर है कि वे इन मंत्रालयों के ज़रिये श्रीलंका की समस्याओं से निपटने में अहम भूमिका निभा सकें।
दिनेश गुणवर्धने से मिली विरासत
हरिनी ने प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी दिनेश गुणवर्धने से ली, जिन्होंने राष्ट्रपति चुनाव के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उनकी जगह हरिनी को राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने चुना, जो खुद श्रीलंका के नौवें कार्यकारी राष्ट्रपति बने हैं। अमरसूर्या की नियुक्ति देश के मौजूदा राजनीतिक बदलाव और विकासशील भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
महिलाओं के लिए नया रास्ता
Harini Amarasuriya का प्रधानमंत्री बनना श्रीलंका की राजनीति में महिलाओं के लिए एक नई दिशा का प्रतीक है। उनके नेतृत्व में, देश को उम्मीद है कि सामाजिक और आर्थिक मुद्दों का समाधान अधिक संवेदनशीलता और संतुलन के साथ होगा। उनके पास शिक्षा और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में व्यापक अनुभव है, जो न केवल उनकी सरकार को सफल बनाएगा बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणादायक आदर्श भी प्रस्तुत करेगा।
हरिनी का राजनैतिक सफर: एक सामाजिक कार्यकर्ता से प्रधानमंत्री तक
Harini Amarasuriya का मुख्यधारा की राजनीति में आना उनके सामाजिक और मानवाधिकार संबंधी कार्यों से प्रेरित था। 2011 में, वह तत्कालीन राजपक्षे सरकार के खिलाफ़ प्रदर्शनों में भाग लेकर चर्चा में आईं। इन विरोधों में उनकी भागीदारी ने उन्हें राजनीतिक मोर्चे पर एक मजबूत आधार दिया। धीरे-धीरे वह जनता के लिए एक सामाजिक नेता के रूप में उभरने लगीं।
2020 में, Harini Amarasuriya राष्ट्रीय जनतांत्रिक पार्टी (एनपीपी) की ओर से संसद सदस्य बनीं। इसके बाद, उनकी राजनीतिक यात्रा ने तेजी से प्रगति की और आज वह प्रधानमंत्री के महत्वपूर्ण पद तक पहुंची हैं।
हरिनी की राजनीतिक यात्रा:
सामाजिक और मानवाधिकार कार्यों से प्रेरित, Harini Amarasuriya ने सामाजिक कार्यकर्ता से प्रधानमंत्री बनने तक राजनीति में प्रवेश किया। 2011 में, वह राजपक्षे सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करके चर्चा में आईं। इन संघर्षों में उनकी भागीदारी ने उन्हें राजनीतिक क्षेत्र में एक मजबूत जगह दी। वह जनता के लिए एक सामाजिक नेता बनने लगी।
2020 में Harini Amarasuriya राष्ट्रीय जनतांत्रिक पार्टी (एनपीपी) से संसद सदस्य बनीं। तब से उनकी राजनीतिक यात्रा तेजी से बढ़ी और आज वह प्रधानमंत्री के महत्वपूर्ण पद पर हैं।
Harini Amarasuriya का विस्तृत पोर्टफोलियो
Harini Amarasuriya को जिन मंत्रालयों का कार्यभार सौंपा गया है, वे देश के विकास और जनकल्याण के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। न्याय, शिक्षा, श्रम, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य और निवेश जैसे मंत्रालयों के माध्यम से वह देश के सामाजिक और आर्थिक सुधारों को गति देने की कोशिश करेंगी। उनके पास शिक्षा और समाजशास्त्र का गहरा अनुभव है, जो उनके नेतृत्व को और भी मज़बूत बनाएगा।
विशेष रूप से शिक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी उनके लिए बहुत अहम है, क्योंकि वह शिक्षा के माध्यम से समाज में बदलाव लाने में विश्वास रखती हैं। उनका उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में नए सुधार लागू करना और इसे सभी के लिए सुलभ बनाना है।
राजनीति में महिलाओं का बढ़ता प्रतिनिधित्व
Harini Amarasuriya का प्रधानमंत्री बनना एक सामाजिक और राजनीतिक बदलाव का प्रतीक है। इससे पहले, सिरीमावो भंडारनायके और चंद्रिका कुमारतुंगा ने भी इस भूमिका को निभाया था, लेकिन हरिनी की यात्रा इस बात की गवाही देती है कि अब श्रीलंका की महिलाएं भी नेतृत्व की उच्चतम भूमिकाओं में सक्रिय रूप से हिस्सा ले रही हैं।
हरिनी के नेतृत्व में श्रीलंका को उम्मीद है कि वह न केवल देश के सामने मौजूद चुनौतियों का समाधान करेंगी, बल्कि देश की राजनीतिक संरचना में भी महिलाओं के बढ़ते प्रभाव को मज़बूती से स्थापित करेंगी।
हरिनी अमरसूर्या का प्रधानमंत्री बनना श्रीलंका के लिए एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायक क्षण है। उनके पास विभिन्न मंत्रालयों का कार्यभार संभालने और देश को एक नई दिशा में ले जाने की पूरी क्षमता है। एक समाजशास्त्री, एक शिक्षक, और एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में उनके अनुभव ने उन्हें इस जिम्मेदारी के लिए पूरी तरह से तैयार किया है। उनके नेतृत्व में, श्रीलंका एक ऐसे भविष्य की ओर अग्रसर होगा, जिसमें समाज की समग्र प्रगति पर ध्यान दिया जाएगा।