Axis Bank ने वित्तीय वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में शानदार प्रदर्शन दर्ज किया, जिसमें बैंक का शुद्ध लाभ 18% बढ़कर 6,918 करोड़ रुपये हो गया। यह वृद्धि मुख्य रूप से मजबूत ऋण मांग और उच्च कोर उधार आय के कारण संभव हुई है। आइए इस वित्तीय परिणाम को विस्तार से समझते हैं और जानते हैं कि यह बैंक के शेयरों और बाजार पर क्या प्रभाव डालता है।
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शुद्ध ब्याज आय और लाभ में वृद्धि
Axis Bank ने दूसरी तिमाही में 13,533 करोड़ रुपये की शुद्ध ब्याज आय (NII) दर्ज की, जो पिछले वर्ष के 12,315 करोड़ रुपये से 10% अधिक है। साथ ही, कुल आय 37,142 करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जो पिछले वर्ष के 31,660 करोड़ रुपये की तुलना में बेहतर प्रदर्शन दिखाती है।
इस वृद्धि का प्रमुख कारण बैंक की कोर नेट इंटरेस्ट इनकम और डिजिटल कौशल में सुधार है। बैंक ने डिजिटल इनोवेशन और शाखाओं के विस्तार में संतुलन साधा, जिससे उसकी भौतिक उपस्थिति को मजबूती मिली।
शेयर मूल्य और बाजार प्रतिक्रिया
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हालांकि Axis Bank के वित्तीय परिणामों में मजबूती दिखी, इसके बावजूद ब्रोकरेज फर्मों ने बैंक के आय अनुमानों में 5% तक की कटौती की है। इसके चलते, बैंक के शेयर मूल्य लक्ष्य में भी थोड़ी कमी आई। फिर भी, बैंक के शेयरों में शुक्रवार को 4.7% की तेजी देखी गई, जो बेंचमार्क बीएसई सेंसेक्स में गिरावट के बावजूद एक सकारात्मक संकेत है।
विश्लेषक यह मानते हैं कि बैंक के वर्तमान मूल्यांकन में गिरावट की संभावना सीमित है, हालांकि कुछ जोखिम जैसे कि उच्च ऋण-जमा अनुपात और मैक्रो-इकोनॉमिक चुनौतियों को लेकर सतर्कता बरतनी होगी।
बैंक की ऋण वृद्धि और जमा
वित्तीय वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में बैंक की ऋण वृद्धि 11% रही, जो पहली तिमाही के 14% की तुलना में थोड़ी धीमी रही। इसके बावजूद, खुदरा ऋण में 15% की वृद्धि और कॉर्पोरेट ऋण में स्थिरता देखने को मिली।
जमा वृद्धि भी मजबूत रही, जिसमें बैंक की कुल जमा राशि 14% बढ़कर 10.87 लाख करोड़ रुपये हो गई। हालांकि, चालू खाता-बचत खाता (CASA) अनुपात 100 आधार अंक घटकर 41% पर आ गया, जो बैंक के लिए चिंता का विषय है।
एसेट क्वालिटी में सुधार
बैंक की एसेट क्वालिटी में सुधार देखा गया, जिसमें सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (GNPA) अनुपात 1.54% पर आ गया, जो पिछली तिमाही के मुकाबले 10 आधार अंकों की गिरावट है। शुद्ध गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (NNPA) 0.34% पर स्थिर रहीं।
तिमाही-दर-तिमाही वसूली 1,500 करोड़ रुपये से बढ़कर 2,000 करोड़ रुपये हो गई, जिससे बैंक की संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार का संकेत मिलता है। हालांकि, असुरक्षित ऋण खंड में तनाव बढ़ने की संभावना है, लेकिन बैंक को वित्तीय वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में सुधार की उम्मीद है।
प्रबंधन की प्रतिक्रिया
Axis Bank के एमडी और सीईओ अमिताभ चौधरी ने कहा कि बैंक ने शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति को मजबूत किया है, जिसमें 150 नई शाखाओं का उद्घाटन किया गया है। इसके साथ ही, बैंक ने ‘बरगंडी प्राइवेट’ निजी बैंकिंग व्यवसाय का विस्तार भी किया है, जिससे 15 नए शहरों में इसकी सेवाएं उपलब्ध हो गई हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि बैंक ने अपने ग्राहक अनुभव को सुधारने और डिजिटल कौशल को बढ़ावा देने के लिए कई नई पहलों की शुरुआत की है, जिससे बैंक का प्रदर्शन और बेहतर हो सकता है।
भविष्य की चुनौतियाँ और संभावनाएँ
हालांकि Axis Bank ने वित्तीय वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में सकारात्मक प्रदर्शन किया है, लेकिन कुछ चुनौतियाँ बनी हुई हैं। ऋण-जमा अनुपात में संतुलन बनाए रखना, असुरक्षित ऋणों में वृद्धि से निपटना, और उच्च NPA से बचाव करना बैंक के लिए प्रमुख चुनौतियाँ हैं।
विश्लेषकों का मानना है कि बैंक की निकट भविष्य की वृद्धि सीमित हो सकती है, लेकिन लंबे समय में यह भारतीय बैंकिंग प्रणाली के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन करने की क्षमता रखता है।
Axis Bank ने वित्तीय वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में अपने शुद्ध लाभ और ब्याज आय में महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की है। हालांकि, कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन बैंक की दीर्घकालिक वृद्धि की संभावनाएं उज्जवल दिखती हैं। बैंक की मजबूत एसेट क्वालिटी, डिजिटल इनोवेशन, और शाखाओं के विस्तार से यह सुनिश्चित होता है कि बैंक भारतीय बैंकिंग सेक्टर में अपनी मजबूत स्थिति बनाए रखेगा।