भारत में रहने वाली पोलिश यूट्यूबर Karolina Goswami का नाम हाल ही में विवादों में घिरा हुआ है। उन्हें Dhruv Rathee के प्रशंसकों से मिली कथित धमकियों ने सोशल मीडिया पर भारी चर्चा को जन्म दिया है। गोस्वामी का कहना है कि उन्हें ध्रुव राठी के “भारत विरोधी” सामग्री की आलोचना करने के बाद धमकियाँ मिलीं। इस घटना के बाद, उन्होंने अपने सुरक्षा के लिए कई उपाय किए हैं, और उनका यह कदम एक वायरल वीडियो के रूप में सामने आया।
Karolina Goswami कौन हैं?
Karolina Goswami एक पोलिश नागरिक हैं जो अपने भारतीय पति अनुराग और बच्चों के साथ भारत में रहती हैं। वह ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (OCI) कार्ड धारक भी हैं। कैरोलिना और उनके पति “इंडिया इन डिटेल्स” नामक एक यूट्यूब चैनल चलाते हैं, जिसमें भारत में जीवन और संस्कृति से जुड़ी विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की जाती है। उनके चैनल के 1.1 मिलियन से अधिक सब्सक्राइबर हैं, जहाँ वे भारत में परिवार पालने और यहाँ की सांस्कृतिक विविधता के बारे में जानकारी साझा करती हैं।
विवाद की शुरुआत कैसे हुई?
इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब Karolina Goswami ने Dhruv Rathee के कुछ वीडियो का विश्लेषण किया। उनका कहना था कि राठी के वीडियो “भारत विरोधी प्रचार” को बढ़ावा दे रहे हैं। उनके इस विश्लेषण के बाद उन्हें धमकियों का सामना करना पड़ा। मई 2024 में, उन्होंने कहा कि उन्हें 220 से अधिक धमकियाँ मिलीं, जिनमें बलात्कार और हत्या की धमकियाँ भी शामिल थीं। इन धमकियों ने कैरोलिना को और भी सतर्क बना दिया और उन्हें अपने सुरक्षा इंतजामों को कड़ा करना पड़ा।
वायरल वीडियो और सुरक्षा उपाय
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हाल ही में Karolina Goswami ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें वह दो सुरक्षा गार्डों के साथ चलती नजर आ रही हैं। इस वीडियो ने तेजी से लोकप्रियता हासिल की और इसे अब तक 4.5 मिलियन से अधिक बार देखा जा चुका है। वीडियो में गोस्वामी अपने बच्चों के साथ दिखाई दे रही हैं और उनका कहना है कि उन्हें भारत में रहकर काम करने में कोई डर नहीं है। उन्होंने यह भी कहा, “हम मुस्कुराते रहेंगे और सकारात्मकता फैलाने का प्रयास करेंगे।”
Dhruv Rathee के प्रशंसकों की प्रतिक्रिया
Dhruv Rathee के प्रशंसकों द्वारा मिली धमकियों ने इस विवाद को और अधिक गंभीर बना दिया है। राठी के अनुयायियों पर आरोप है कि उन्होंने गोस्वामी को सोशल मीडिया पर निशाना बनाया और उनके परिवार के खिलाफ हिंसा की धमकियाँ दीं। कैरोलिना के मुताबिक, जर्मनी की यात्रा के दौरान भी उन पर और उनके परिवार पर हमला हुआ, जिसमें उनकी कार में तोड़फोड़ की गई और उनके निजी सामान को चुरा लिया गया।
ऑनलाइन उत्पीड़न और सोशल मीडिया की जिम्मेदारी
यह घटना सोशल मीडिया पर हो रहे उत्पीड़न और इसके परिणामस्वरूप होने वाले मानसिक और शारीरिक खतरे के बारे में एक गंभीर सवाल खड़ा करती है। इस विवाद ने यह भी दिखाया है कि कंटेंट क्रिएटर्स की जिम्मेदारी क्या होती है और कैसे उनकी सामग्री दर्शकों पर असर डाल सकती है। कैरोलिना गोस्वामी का कहना है कि ऑनलाइन धमकियाँ उनके और उनके परिवार के लिए एक गंभीर समस्या बन गई हैं, और उन्होंने भारत सरकार से सुरक्षा की अपील की है।
सामुदायिक समर्थन और सुरक्षा की मांग
Karolina Goswami को धमकियों के बाद सोशल मीडिया पर व्यापक समर्थन मिला है। कई लोगों ने उनके साहस की सराहना की है और कहा है कि वह भारत में रहकर सकारात्मक संदेश फैलाती रहें। साथ ही, कई सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने ऑनलाइन उत्पीड़न के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए अभियान चलाए हैं। इन अभियानों का मुख्य उद्देश्य सोशल मीडिया पर सुरक्षित वातावरण बनाने पर जोर देना है ताकि लोग बिना डर के अपनी राय व्यक्त कर सकें।
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Dhruv Rathee और पहले के आरोप
यह पहली बार नहीं है जब Dhruv Rathee और Karolina Goswami के बीच विवाद हुआ हो। इससे पहले भी कैरोलिना ने राठी पर अपने वीडियो में गलत जानकारी देने और भ्रामक तथ्यों को प्रस्तुत करने का आरोप लगाया था। उन्होंने वर्ल्ड हैप्पीनेस इंडेक्स 2021 के बारे में राठी की रिपोर्टिंग पर सवाल उठाए थे और कहा था कि राठी ने भ्रामक जानकारी दी है।
घटनाओं की समयरेखा
- मई 2024: Karolina Goswami ने Dhruv Rathee के प्रशंसकों से 220 से अधिक धमकियाँ मिलने की रिपोर्ट दी।
- 15 अक्टूबर 2024: उन्होंने सुरक्षाकर्मियों के साथ चलते हुए एक वीडियो साझा किया।
- 18 अक्टूबर 2024: यह वीडियो वायरल हो गया और इसे लाखों बार देखा गया।
सोशल मीडिया पर जागरूकता और सुरक्षा की कमी
Karolina Goswami ने कई बार सुरक्षा के लिए भारत सरकार से अपील की, लेकिन उनका कहना है कि उन्हें अब तक कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं मिली है। इस स्थिति ने यह सवाल खड़ा किया है कि भारत में ऑनलाइन उत्पीड़न से कैसे निपटा जा रहा है और क्या इसके शिकार लोगों के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय मौजूद हैं। Karolina Goswami और Dhruv Rathee के बीच चल रहे विवाद ने सोशल मीडिया पर उत्पीड़न, ऑनलाइन सुरक्षा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया है। गोस्वामी का यह दृढ़ निश्चय कि वह भारत में रहकर काम करती रहेंगी, यह दिखाता है कि वह धमकियों से डरने वाली नहीं हैं। उनके संघर्ष ने अन्य कंटेंट क्रिएटर्स और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को भी प्रेरित किया है कि वे भी ऐसे उत्पीड़न के खिलाफ खड़े हों और अपनी आवाज बुलंद करें।
इस घटना ने यह भी दिखाया है कि सोशल मीडिया की बढ़ती ताकत के साथ-साथ, हमें इसके नकारात्मक प्रभावों से निपटने के लिए भी सतर्क रहना होगा।